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शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

दो युवाओं के स्टार्टअप ने बदली किसानों की जिंदगी

- मप्र और अन्य राज्यों के एक हजार से ज्यादा किसान जुड़े
- जड़ी बूटियों की जैविक खेती, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन
- नीमच से शुरू कर आठ देशों में पहुंचाया कारोबार

डॉ. अनिल सिरवैयां, भोपाल
9424455625
sirvaiyya@gmail.com
Key Word: Start up India, Startup Madhya Pradesh, Organic Farming, Youth Initiative, Farmers

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया अभियान से पहले मप्र के दो युवाओं ने ऐसा कुछ कर दिखाया है जो बड़े-बड़े बिजनेस हाउस, उद्योगपतियों और पंूजीपतियों के लिए तो सबक है, साथ ही इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास से दुनिया को अपने में समेटने का उदाहरण भी है। मध्यप्रदेश के नीमच जिले के दो युवाओं, शैलेंद्र धाकड़ और राजेश सागीतला ने जैविक खेती के माध्यम से किसानों के साथ मिलकर अपनी अब तक सात करोड़ का सलाना टर्न ओवर करने वाली कंपनी बना डाली है। इसमें यह खुद केवल मुनाफा नहीं कमाते हैं, बल्कि किसानों को भी संपन्न बना दिया।

शैलेन्द्र और राजेश ने वर्ष 2012 में जैविक और नेचुरल हर्बल इंडस्ट्रीज के क्षेत्र में काम को शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने कॉर्मल आॅर्गेनिक नाम से एक कंपनी बनाई। इन दोनों दोस्तों ने सबसे पहले नीमच और आसपास के किसानों को जोड़ा और इनके समूह बनाए। इन्हें स्मार्ट खेती के लिए प्रेरित किया। इन दोनों अपने अपनी आईडिया और स्टडी के आधार पर इन किसानों को जैविक तरीके से औषधीय पौधों की खेती के लिए तैयार किया। इसके लिए उच्च गुणवत्ता के बीज तैयार किए गए है, पौधरोपण के तरीके सिखाए और इनके रखरखाव में किसानों के साथ खुद भी मेहनत की। इसका नतीजा यह हुआ कि अनेक तुलसी, हल्दी, साइप्रस, हरड़, मुलैठी, अश्वगंधा, गुलमर, लैमनग्रास, सनाय और नीम जैसे अनेक औषधीय फसलें तैयार कीं। इसके लिए पहले उन्होंने नीमच जिले के किसानों को साथ लिया, फिर मप्र के कुछ दूसरे जिलों में उन्हें किसानों को जोड़ने में सफलता मिली। इस सफलता के बाद उन्होंने दूसरे राज्यों के किसानों के बीच भी यही प्रयोग किए। इससे किसानों की आय में काफी इजाफा हुआ और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी। खास बात यह है कि इस काम की शुरूआत में उन्होंने किसी तरह की सरकार मदद ली। 
ऐसे चला बिजनेस
इन औषधीय पौधों की खेती भर करना इनका मकसद नहीं था। इन दोनों ने नीमच में ही इनकी प्रोसेसिंग का काम शुरू किया और फिर इसकी मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए जुट गए। आज स्थिति यह है कि इन दोनों अनेक उत्पाद तैयार कर लिए हैं जो ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुके हैं। 
आठ देशों में सप्लाई
कार्मल आॅर्गेनिक के उत्पाद आज भारत के साथ-साथ आठ देशों में सप्लाई हो रहे हैं। जैविक और हर्बल नेचुरोपैथी के यह उत्पाद ज्यादा फार्मा कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं। 
छह करोड़ का सलाना टर्न ओवर
इन दोनों युवाओं की इस कंपनी में इस वक्त 20 लोगों की टीम काम कर रही है। एक हजार से ज्यादा किसान इनसे जुड़े हैं और कंपनी का सलाना टर्न ओवर छह से अधिक का है। 
यह बिजनेस आईडिया
इन दोनों युवाआें का बिजनेस आईडिया इंटीग्रेटेड वेल्यू चैन तैयार करना है। प्रोडक्टशन, प्रोसेसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन इसमें शामिल हैं। इनके साथ जुड़े ज्यादा किसान सीमांत कृषक हैं और खेती उनके लिए लाभकारी नहीं थी। ऐसे किसानों को ट्रेनिंग, अच्छे बीज, हर्बल प्रोडक्ट के लिए मार्केट देना की रणनीति पर यह पहले दिन से काम कर रहे हैं। 
जैविक खेती से ढूंढी राह
इन दोनों युवा उद्यमियों ने जैविक खेती को अपनी सफलता का मंत्र बनाया। जैविक खेती के व्यापक अध्ययन करने के बाद किसानों को जैविक खेती के फायदे बताए और प्रमाणीकरण के प्रमाण पत्र लेने में किसानों की मदद की। शैलेन्द्र ने इंदौर के एक कॉलेज से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक हैं। दोनों किसान परिवारों से हैं। 
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हम पहली बार इस तरह के किसी बिजनेस में आए थे। हमारा मकसद बिजनेस के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाना भी था। हमने जमीनी स्तर पर बहुत मेहनत की और इन प्रोडक्टस के सेक्टर पर लगातार निगाह रखी। इसके बाद हमें सफलता मिलना शुरू हो गई। हम आज योरोप, यूएस और आस्ट्रेलिया जैसे देशों अनेक देशों में अपने प्रोडक्ट भेज रहे। किसानों को इसका लाभ मिल रहा है और हमारी कंपनी को भी। 
शैलेन्द्र धाकड़, फाउंडर एण्ड डायरेक्टर, कॉर्मल आॅर्गेनिक

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