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रविवार, 26 मार्च 2017

एक सोशल स्टार्ट अप है नाॅलेज कैलेंडर

- पहली साल में मिली अपार सफलता- विद्यार्थियों ने सराहा, महिला सशक्तिकरण का एक बेहतर उपकरण

Knowledge Calendar


भोपाल। केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने 21 मार्च को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में नाॅलेज कैलेन्डर के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया। डिक्की नेशनल कांफ्रेंस में डिक्की के चेयरमेन श्री मिलिंद कांबले और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेल मंत्री ने नाॅलेज कैलेन्डर का विमोचन करते हुए इस नाॅलेज टूल की प्रशंसा की। 

 इस अवसर पर देश के सभी राज्यों से आए डिक्की के प्रतिनिधि और सदस्य मौजूद थे। 
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु और डिक्की के चेयरमेन श्री मिलिंद कांबले 

कैलेन्डर के निर्माता डाॅ. अनिल सिरवैयां ने 25 मार्च को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर उन्हें नाॅलेज कैलेन्डर की प्रति भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने नाॅलेज कैलेन्डर के काॅन्सेप्ट की सराहना की और इसे बच्चों, महिलाओं सहित प्रत्येक वर्ग के लिए उपयेागी बताया। 
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु और डिक्की के चेयरमेन श्री मिलिंद कांबले 
डाॅ. अनिल सिरवैयां ने बताया कि शिक्षा, सूचना और संचार ऐसे उपकरण हैं जो किसी भी परिस्थिति में और किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में सहायक होते हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति को सामान्य जागरूक कर उसके ज्ञान को लगातार अद्यतन किया जाए तो राष्ट्र के विकास में उनकी भूमिका और बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट
 उन्होंने कहा कि ज्ञान सबका मौलिक अधिकार है लेकिन भारत जैसे विशाल और अनेक प्रकार की विविधताओं वाले देश में अब भी बहुत बड़ी आबादी इस अधिकार से वंचित है। सामान्य जानकारियों, सूचनाओं और तथ्यों को पहुंचाने के अनेक साधन और सुविधाओं के बावजूद ज्ञान का प्रकाश अब तक देश  के प्रत्येक परिवार तक नहीं पहुंचा। 
यह दैनंदिन ज्ञान पुस्तिका विद्यार्थियों से लेकर महिलाओं, लोक सेवकों, जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, समाजसेवी, संस्कृतिकर्मी, अकादमिक संस्थाओं और शोधकर्ताओं के लिये अत्यंत उपयोगी है।
डाॅ. सिरवैयां ने बताया कि नाॅलेज कैलेन्डर की परिकल्पना इसी विचार पर आधारित है। आधुनिक इंटरनेट युग में यह इंटरनेट से पहले का एक चरण है, जो बताता है कि आज अथवा किसी दिन विशेष को इंटरनेट पर क्या सर्च करना है। यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी तरह का अनोखा स्टार्ट अप है। एक अद्भुत नवाचार है। इसका पायलेट प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में किया गया और अल्प समय में ही यह लोगों की पसंद बन गया। समाज के प्रत्येक वर्ग ने इस कैलेन्डर को पसंद किया और इसकी मांग लगातार बढ़ती चली गई। 
दीवार पर टंगी एक जीवंत ज्ञान पुस्तिका
नालेज कैलेंडर दीवार पर टंगी एक जीवंत ज्ञान पुस्तिका है। यह लोगों को सूचना सम्पन्न बनाने का प्रभावी उपकरण है। प्रत्येक दिन, तारीख और महीना भूतकाल और भविष्य को दर्शाता है। हर दिन भूतकाल के महत्वपूर्ण समय बिन्दु की याद दिलाता है और भविष्य के प्रति सूचित और सचेत करता है। इस दृष्टि से यह दैनंदिन ज्ञान पुस्तिका विद्यार्थियों से लेकर महिलाओं, लोक सेवकों, जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, समाजसेवी, संस्कृतिकर्मी, अकादमिक संस्थाओं और शोधकर्ताओं के लिये अत्यंत उपयोगी है।
आज का दिन हमारे लिये क्यों महत्वपूर्ण है? इस स्वाभाविक उत्सुकता को यह ज्ञान कैंलेंडर पूरा करता है। इस महीने कौन से महत्वपूर्ण अवसर हैं? इसकी अगिम सूचना देकर यह भविष्य की योजनाएं बनाने में भी मददगार होगा। रचनात्मक तरीके से ज्ञान और सूचनाओं का प्रसार करना इसका उददेश्य है। यह नालेज कैलेंडर प्रतिदिन देश की महानता का बोध कराता है। यह कैलेन्डर विद्यार्थियों, सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए उपयोगी है। 
प्रारंभ नाॅलेज कैलेन्डर हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में तैयार किया गया है। पहली साल में इस कैलेंडर की मध्य प्रदेश में धूम मच गई. विद्यार्थियों और अधिकारियों ने सबसे ज्यादा पसंद किया. जनता से सीधा संवाद करने वाले लोगों ने इसे अपने लिए बेहद उपयोगी उपकरण बताया. डॉ सिरवैया ने बताया की भविष्य में इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी तैयार किया जाएगा।
डॉ सिरवैया ने बताया की कैलेंडर से सम्बंधित किसी भी जानकारी के संपर्क नंबर 9424455625 तथा ईमेल आईडी sirvaiyya@gmail.com र संपर्क किया जा सकता है. 

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