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शनिवार, 23 फ़रवरी 2019

SC-ST और स्टार्ट अप से होगी मप्र में खरीदी


- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा शासन की खरीदी एससी, एसटी और स्टार्टअप से करो
- कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार, स्टोर परचेस रूल्स में होगा बदलाव
- लोकसभा चुनाव के पहले होगा फैसला

भोपाल, 23 फरवरी, 2019 । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और सांसद कमलनाथ ने अधिकारियों को कहा है कि शासन स्तर पर होने वाली खरीदी अब एसटी, एससी और स्टार्टअप इकाईयों से करो।
एससी, एसटी वर्ग की इकाईयों से खरीदी की व्यवस्था कांग्रेस शासनकाल में थी जिसे शिवराज​ सिंह चौहान सरकार ने बाद में बंद कर दिया था। कमलनाथ ने जैसे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली वे लगातार सभी वर्गो के हित में निर्णय ले रहे हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में वचन पत्र के माध्यम से जो राज्य के मतदाताओं और नागरिकों से वायदे किये हैं उस पर अमल भी कर रहे हैं।
एमपीपोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार श्री नाथ ने हाल ही में एमएसएमई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे वर्तमान भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम में जल्द से जल्द बदलाव करें। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशानुरूप मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम में संशोधन करने जा रहे हैं।
बताया जाता है कि नीति में जैसे ही संशोधन हो जाएगा। राज्य शासन मध्यप्रदेश के समस्त विभागों, उपक्रमों और शासन के अधीन ईकाईयों में जो भी खरीदी होती है उस खरीदी में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमीयों की ईकाईयों से 15 प्रतिशत और स्टार्टअप एवं मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से 10 फीसदी होने लगेगी। 
उल्लेखनीय है कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमीयों से शासकीय खरीदी करने के नियम बनाये थे। यह नियम उन्होंने 12, 13 जनवरी 2002 को भोपाल घोषणा पत्र के तारतम्य में बनाये थे। इसके बाद जैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो यह प्रक्रिया चालू रही। लेकिन 2015 में इस नियम को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने समाप्त कर दिया था।
लघु संवर्धन बोर्ड की 21 फरवरी 2019 को हुई बैठक में भी एससी, एसटी वर्ग की इकाईयों से शासकीय खरीदी में आरक्षण की व्यवस्था पूर्ववत रखने की मांग उठी है। डिक्की मध्यप्रदेश सदस्यों ने बात को रखा था कि शीघ्रता से प्रोक्योरमेंट पॉलिसी में संशोधन किया जाए।
अब जैसे ही कांग्रेस पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में पुन: बनी तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के समय में एससी, एसटी वर्ग के उद्यमीयों से खरीदी के जो नियम बने थे उसको पुन: चालू करते हुए खरीदी नियम में संशोधन करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। यह संशोधन नियम जल्द ही केबिनेट में मंजूरी के लिए विभाग द्वारा भेजा जा रहा है।
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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशानुसार एमएसएमई की नीति में बदलाव जल्द

# एमएसएमई नीति में होंगे चार बड़े बदलाव 
# स्टार्टअप पॉलिसी में भी संशोधन होगा 

भोपाल, 14 फरवरी, 2019। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और सांसद कमलनाथ राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा सहुलियातें देना चाहते हैं। श्री नाथ ने हाल ही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे एमएसएमई की नीति में ऐसे बदलाव जल्द से जल्द करें जिससे की राज्य में रोजगार के अवसर पैदा हों और औद्योगिक ईकाईयों को बढ़ावा मिले।  

मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशानुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग अपनी वर्तमान नीति में बदलाव करने जा रहा है। प्रमुख रूप से चार संशोधन वर्तमान नीति में होने जा रहे हैं। 

पहला निजी जमीन पर औद्योगिक ईकाई तथा मल्टीस्टोरी पर बिल्डिंग निर्माण के तहत अधोसंरचना विकास का अनुदान दिया जाता है। अभी 20 प्रतिशत और अधिकतम दो करोड दिया जाता है। इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है। साथ ही गारमेंट और पावरलूम ईकाईयों को 40 प्रतिशत अनुदान देने का अब इस नीति में संशोधन किया जा रहा है। 

दूसरा एमएसएमई के तहत प्लांट और मशीनरी पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अब इस अनुदान की श्रेणी में ​बिल्डिंग निर्माण को भी शामिल किया जा रहा है जो 40 प्रतिशत होगा। 

तीसरा पावरलूम ईकाईयों को अभी अधिकतम 8 पावरलूम होने तक अनुदान दिया जाता है। अब इसकी प्रोजेक्ट कास्ट पर मिलने वाला अनुदान 10 पावरलूम होने तक दिया जाएगा। एससी एसटी वर्ग की पावरलूम ईकाईयों को अब 100 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। जबकि सामान्य वर्ग के लिए 75 फीसदी अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव संशोधन नीति में किया जा रहा है।  

चौथा जो भी औद्योगिक कंपनियां स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करायेगा उन्हें 2500 रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रत्येक माह अनुदान दिया जाएगा। 

स्टार्टअप पॉलिसी में भी संशोधन की प्रक्रिया जारी है। एमएसएमई नीति में संशोधन के प्रस्ताव जल्द ही केबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जा रहे हैं। इस तरह की प्रक्रिया विभाग में तेजी के साथ चल रही है। विभाग के मंत्री श्री आरिफ अकील की सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। 

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