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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशानुसार एमएसएमई की नीति में बदलाव जल्द

# एमएसएमई नीति में होंगे चार बड़े बदलाव 
# स्टार्टअप पॉलिसी में भी संशोधन होगा 

भोपाल, 14 फरवरी, 2019। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और सांसद कमलनाथ राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा सहुलियातें देना चाहते हैं। श्री नाथ ने हाल ही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे एमएसएमई की नीति में ऐसे बदलाव जल्द से जल्द करें जिससे की राज्य में रोजगार के अवसर पैदा हों और औद्योगिक ईकाईयों को बढ़ावा मिले।  

मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशानुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग अपनी वर्तमान नीति में बदलाव करने जा रहा है। प्रमुख रूप से चार संशोधन वर्तमान नीति में होने जा रहे हैं। 

पहला निजी जमीन पर औद्योगिक ईकाई तथा मल्टीस्टोरी पर बिल्डिंग निर्माण के तहत अधोसंरचना विकास का अनुदान दिया जाता है। अभी 20 प्रतिशत और अधिकतम दो करोड दिया जाता है। इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है। साथ ही गारमेंट और पावरलूम ईकाईयों को 40 प्रतिशत अनुदान देने का अब इस नीति में संशोधन किया जा रहा है। 

दूसरा एमएसएमई के तहत प्लांट और मशीनरी पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अब इस अनुदान की श्रेणी में ​बिल्डिंग निर्माण को भी शामिल किया जा रहा है जो 40 प्रतिशत होगा। 

तीसरा पावरलूम ईकाईयों को अभी अधिकतम 8 पावरलूम होने तक अनुदान दिया जाता है। अब इसकी प्रोजेक्ट कास्ट पर मिलने वाला अनुदान 10 पावरलूम होने तक दिया जाएगा। एससी एसटी वर्ग की पावरलूम ईकाईयों को अब 100 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। जबकि सामान्य वर्ग के लिए 75 फीसदी अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव संशोधन नीति में किया जा रहा है।  

चौथा जो भी औद्योगिक कंपनियां स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करायेगा उन्हें 2500 रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रत्येक माह अनुदान दिया जाएगा। 

स्टार्टअप पॉलिसी में भी संशोधन की प्रक्रिया जारी है। एमएसएमई नीति में संशोधन के प्रस्ताव जल्द ही केबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जा रहे हैं। इस तरह की प्रक्रिया विभाग में तेजी के साथ चल रही है। विभाग के मंत्री श्री आरिफ अकील की सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। 

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1 टिप्पणी:

  1. सर ये आपकी मेहनत का फल है जो आप हम जैसे लोगो के लिए सरकार से लड़ रहे है। आपका बहुत बहुत आभार।

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