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मंगलवार, 1 सितंबर 2015

दिल्ली में होम टू होम डिलेवर होंगे आजीविका प्रोडक्ट

- शुरूआत गुड़गांव और एनसीआर से होगी
- शहडोल के 50 युवाओं को मिलेंगी जिम्मेदारी
डॉ. अनिल सिरवैयां, भोपाल
9424455625, sirvaiyya@gmail.com
 मप्र में राज्य आजीविका मिशन के तहत किसानों की 26 कंपनियों और स्व-सहायता समूहों के प्रोडक्ट अब दिल्ली में बिकेंगे। इन प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए शुरूआत में मप्र से 50 उन गरीब परिवारों के युवाओं को भेजा जाएगा जो फिलहाल रोजगार की तलाश में हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने दिल्ली की संस्था जय किसान और आजीविका मिशन से जुड़े किसानों की कंपनियों के बीच अनुबंध कराया है। 
गुड़गांव और एनसीआर में आजीविका प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए संस्था आउटलेट खोलेगी। अगले छह महीने में दिल्ली में ऐसे 20 आउटलेट्स खोले जाएंगे। इसके साथ ही एक कॉल सेंटर भी रहेगा। फिलहाल गुड़गांव की रहवासी कालोनियों को टारगेट किया जाएगा और वहां आजीविका प्रोडक्ट्स की जानकारी पहुंचाई जाएगी। आगे चलकर एनसीआर में यह आउटलेट खोले जाएंगे। गुड़गांव और एनसीआर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति या परिवार जय किसान के कॉल सेंटर पर प्रोडक्ट्स की बुकिंग करा सकेगा। बुकिंग कराने के कुछ देर बाद प्रोडक्ट की डिलेवरी उनके घर पर कर दी जाएगी। समूह होम टू होम डिलेवरी के लिए इन 50 युवाओं को पहले ट्रेनिंग देगा और फिर इन्हें मोटर सायकिल से बनाए गए डिलेवरी वाहन दिए जाएंगे। मोटर साइकिल से यह युवा प्रोडक्ट की होम डिलेवरी करेंगे। इनमें जीपीएस सिस्टम होगा ताकि इनकी लोकेशन की जानकारी मिलती रहे और यह दिल्ली की सड़कों पर भटकें नहीं। 
गांव से दिल्ली कैसे पहुंचेंगे प्रोडक्ट
राज्य आजीविका मिशन ने 26 जिलों में किसानों और स्व-सहायता समूहों की कंपनियां बनार्इं हैं। गुड़गांव और एनसीआर में आजीविका प्रोडक्ट्स बेचने के लिए जय किसान संस्था और इन कंपनियों के बीच मिशन ने अनुबंध कराया है। किसानों के खेत से निकलकर अनाज, सब्जियां एवं अन्य उत्पादों को किसानों की कंपनी के पास पहुंचेंगे और यहां पैकेजिंग करके यह सामान जय किसान संस्था को सौंप दिया जाएगा। सामान की कीमत संस्था उसी समय कंपनी को चुका देगी। 
किसानों को लाभ 
अभी किसानों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत नहीं मिल पाती थी। किसान इनका वेल्यू एडीशन नहीं कर पाते और बड़े बाजारों में नहीं पहुंचा पाते। जय किसान संस्था विभिन्न प्रोडक्ट को मंडी रेट से 15 प्रतिशत या इससे अधिक दर पर खरीदेगी। दूसरा लाभ किसानों के सभी प्रोडक्ट आजीविका ब्रांड के नाम से बिकेंगे। यह किसानों का अपना ब्रांड है।
आठ हजार तनख्वाह
जिन 50 युवाओं को पहले दौर में भेजा जाएगा उन्हें समूह आठ हजार रुपए मासिक वेतन देगा। इसके अलावा इनके रहने और दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था की जाएगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने अगले छह महीने में प्रदेश से 200 बेरोजगारों को दिल्ली भेजकर इस काम से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह दिल्ली में शुरूआती तौर पर 10 हजार ग्राहक बनाने का लक्ष्य भी तय किया गया है। 
ये हैं आजीविका प्रोडक्ट
शबरती आटा, बेसन, मिर्ची, हल्दी, धनिया, अचार, मुरब्बा, गुड़, शहद, दालें, पायदान, कारपेट, मिट्टी के बर्तन, चूड़ियां, अगरबत्ती, हैंडलूम आयटम, सब्जियां, चना, मूंगफली, वाशिंग पावडर, साबुन, सेनेटरी नेपकिन सहित 108 अन्य प्रोडक्ट।
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प्रोडक्ट्स की डिजिटल ब्रांडिंग होगी, मंत्री करेंगे खरीदने की अपील
गोपाल भार्गव
गुड़गांव और एनसीआर में आजीविका प्रोडक्ट्स की डिजिटल ब्रांडिंग की जाएगी। इसके लिए जय किसान संस्था ने बकायदा पूरा कैंपेन तैयार किया है। मंगलवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने इस कैंपेन की लांचिंग की। इस कैंपेन में आजीविका प्रोडक्टस की जानकारी ई-मेल, एमएमएस, फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म से की जाएगी। यू-ट्यूब पर आजीविका प्रोडक्टस को लेकर एक वीडियो फिल्म दिखाई देगी। इस वीडियो फिल्म में मंत्री भार्गव और विभागी की एसीएस अरूणा शर्मा आजीविका प्रोडक्ट्स की खूबियों को बताकर इन्हें खरीदने की अपील भी कर रहे हैं। 
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दिल्ली में आजीविका प्रोडक्ट जय किसान समूह के माध्यम से बेचने की योजना है ताकि किखसानों और समूह की महिलाओं को उनके प्रोडक्ट का सही दाम मिल सके। शुरूआती तौर पर शहडोल जिले से 50 बेरोजगार युवाओं को दिल्ली भेजा जा रहा है। यह दिल्ली में होम टू होम डिलेवरी करेंगे। 
एलएम बेलवाल, मिशन संचालक, एनआरएलएम

मप्र में आजीविका मिशन के माध्यम से किसान कई तरह के उत्पाद तैयार कर रहे हैं और इनकी क्वालिटी भी अन्य उत्पादों से बेहतर है। हमारी संस्था गुड़गांव और एनसीआर में इन उत्पादों की होम टू होम डिलेवरी करेगी। हम 24 राज्यों में 60 हजार किसानों से जुड़कर पहले से काम कर रहे हैं। 16 सितंबर तक आजीविका प्रोडक्ट्स के करीब 10 हजार कस्टमर तैयार करने का लक्ष्य हमने रखा है।
संजीव शर्मा, संस्थापक, जय किसान