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शनिवार, 13 जून 2015

थ्योरी आॅफ पोटेंशियल : पॉवर मिलते ही बदल जाता है इंसान


  • चर्चा में है युवा आईएएस अधिकारी तरूण पिथोड़े का उपन्यास ‘आईएम पॉसीबल’
  • जो खुद को कम समझते हैं, उनके लिए है यह उपन्यास : पिथोड़े
  • key word : Tarun Pithode, Madhya Pradesh cadre IAS, Human Behavior, I M Possible, Peoples Samachar

डॉ. अनिल सिरवैयां, भोपाल
9424455625
sirvaiyya@gmail.com
मप्र कॉडर के युवा अधिकारी तरूण पिथोड़े का उपन्यास ‘आईएम पॉसीबल’ इन दिनों सुर्खियों में है। यह उपन्यास जीवन के विभिन्न कालखंडों में किसी व्यक्ति की सफलता और असफलता के दौर में उसे मनोभाव और मनोदशा पर प्रकाश डालता है। उपन्यास में कुछ नए सिद्धांत देने की कोशिश की गई है जो व्यवहार से जुडेÞ हैं। यह उपन्यास मुख्यत: युवाओं पर केंद्रित है जो सफलता को परिश्रम और बुद्धि के गुणांक का नतीजा बताता है। एक लेखक के रूप में पिथोड़े कहते हैं कि इस उपन्यास में युवाओं के हर सवाल का जवाब है। जिन्हें खुद पर संदेह होता है, जो खुद को कम समझते हैं, यह उनके लिए लिखा गया है। इसमें थ्योरी आॅफ पोटेंशियल की चर्चा की गई है, जिसमें बताया गया है कि शक्ति के विभिन्न सोपानों पर कैसे व्यक्ति का व्यवहार बदलता है। 

- उपन्यास लिखने का विचार कहां से आया?
लगातार पढ़ते-पढ़ते विचार आया कि कुछ ऐसा लिखा जाए जो सकारात्मक हो, प्रेरणा देने वाला हो। जीवन का नया परिदृश्य दिखाई दिया कि हम चाहे जहां हों, अपनी भावनाएं व्यक्त करें। मैं बहुत सामान्य पृष्ठभूमि से हूं, चाहता हूं कि हर व्यक्ति उपलब्धि प्राप्त करे। सफलता कैसे हासिल होगी, यह बात कहानी के माध्यम से बताना ज्यादा कारगर होता है। इस तरह से बात ज्यादा आत्मसात की जाती है और सफलता सुनिश्चित होती है। इसी विचार के साथ मैंने यह उपन्यास लिखा।
- क्या यह उपन्यास केवल सिविल सर्विस प्रतिभागियों के लिए है?
यह सभी के लिए है। सफलता चाहते हैं, जो व्यक्तियों के बारे में समझ रखना चाहते हैं, जो आपसी व्यवहार के दर्शन और मनोविज्ञान को समझना चाहते हैं। यह उपन्यास युवाओं को इसलिए ज्यादा प्रभावित करेगी क्योंकि इसमें उनके हर उस सवाल का जवाब है जो उनके मन में अक्सर आते हैं। खासकर वह जो खुद को समझते हैं या जिन्हें खुद पर संदेह रहता है।
- उपन्यास में किन-किन विषयों को रेखांकित किया गया है?
इसमें सफलता-असफलता के मायने, समाज की कठिनाईयों, समस्याओं, व्यवस्थाओं पर कटाक्ष हैं। बच्चों के शोषण, मानसिक विकृतियों, भ्रष्टाचार, राजनीति, धर्म, जाति व्यवस्था जैसे विषयों को रेखांकित किया है। सेलफिशनेस पर पूरा एक चैप्टर है। यह क्या होती है, क्यों होती है, इस पर पात्रों के बीच संवाद हैं। यह बताने की कोशिश की है कि बच्चे क्यों और कैसे बिगड़ते हैं और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है। शिक्षक की क्या भूमिका होती है। 
- थ्योरी आॅफ पोटेंशियल क्या है?
इसे इस उपन्यास का सबसे अहम हिस्सा कहा जा सकता है। यह एकदम नई अवधारणा है। व्यक्ति जब अपने जीवन के विभिन्न सोपानों पर शक्ति या ताकत प्राप्त करता है, तब उसके व्यवहार क्या-क्या और कैसे-कैसे परिवर्तन आते हैं, उसका व्यवहार कैसे बदलता है, इस पर विस्तृत विमर्श पात्रों के बीच हुआ है। 
- यूविर्सल सोल की बात कही गई है, यह क्या है?
यूनिवर्सल सोल हम सबको गाइड करती है। इससे हम अंतरआत्मा की आवास को सुन सकते हैं जो हमें जीवन को सफलतापूर्वक जीने में मदद करती है। हमारे बिना यूनिवर्सल सोल नहीं हो सकती है और हम उसके बिना। इसलिए हम कहीं न कहीं एक हैं, इसलिए अंतरआत्मा की आवाज को सुन सकते हैं।


जीवन परिचय
मूलत: मप्र के छिंदवाड़ा जिले के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले तरुण पिथोड़े मप्र कॉडर के वर्ष 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बीई करने के बाद वे सिविल सर्विस के चुने गए। पिथोड़े वर्तमान में मप्र व्यवसायिक परीक्षा मंडल के संचालक हैं। 

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