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शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

‘उदिता’ के लिए आगे आया बॉलीवुड


  • - सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने की कवायद
  • - नाटक का मंचन कर जुटाए पैसे
  • - सरकारी स्कूलों, छात्रावासों लगाई वेंडिग मशीनें

डॉ. अनिल सिरवैयां, भोपाल
9424455625
sirvaiyya@gmail.com
 Key Word : Menstruation, Udita madhya pradesh, Udita Project, ficci women's organisation, ICDS, Women and Chile Department, Anupam Khai, Neena Gupta, "mera vo matlab nahi tha"

किशोरी बालिकाओं में मासिक धर्म और इससे संबंधी व्यवहारों के दौरान स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोगों से मुक्ति के लिए सेनेटरी नेपकिन के इस्तेमाल की जागरूकता को लेकर राज्य सरकार द्वारा चलाए जा प्रोजेक्ट ‘उदिता’ की मदद के लिए बॉलीवुड भी आगे आया है। हाल ही में वेलेंटाइन डे पर इंदौर में फिल्म अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री नीना गुप्ता ने सेनेटरी नेपकिन की सहज उपलब्धता के उद्देश्य से ‘मेरा वो मतलब नहीं था’ नाटक का मंचन किया। इस नाटक के मंचन से प्राप्त हुई राशि से सेनेटरी नेपकिन की उपलब्धता के लिए वेंडिंग मशीनें स्कूल, कॉलेज आदि स्थलों पर लगार्इं जाएंगी। 

वैसे तो प्रोजेक्ट उदिता राज्य सरकार ने शुरू किया है लेकिन इसमें बड़ी संख्या में समुदाय की भागीदारी भी हो रही है। इंदौर में इस नाटक मंचन फिक्की लेडीज आॅर्गेनाइजेशन (फ्लो) द्वारा आयोजित कराया गया। इस नाटक के आयोजन के जरिए सेनेटरी नेपकिन और वेंडिंग मशीन के लिए स्पांसरशिप और चैरिटी द्वारा राशि एकत्रित की गई। सेनेटरी नेपकिन के प्रयोग और विशेषकर ग्रामीणों अंचलों में इसकी उपलब्धता के लिए प्रदेश में प्रयास किए जा रहे हैं। गर्ल्स स्कूल, हॉस्टल, आंगनबाड़ियों आदि स्थानों पर वेंडिंग मशीनें लगाई जा रही हैं।

समूह की महिलाएं भी सक्रिय

ग्रामीण आजीविका समूह   से जुड़े स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भी ग्रामीण अंचलों में सेनेटरी नेपकिन बनाकर इसकी जागरूकता के लिए काम कर रही हैं। इससे एक तरफ जहां ग्रामीण अंचलों में कम कीमत पर सेनेटरी नेपकिन मिल रही हैं, वहीं इससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। छतरपुर, रायसेन, मंडला, डिंडोरी, धार, बड़वानी आदि जिलों में मिशन की महिलाएं यह काम कर रही हैं।

यह है स्थिति

कुछ शोध बताते हैं कि आज भी 88 प्रतिशत महिलाएं माहवारी के दौरान कपड़ा, राख, मिट्टी, सूखे पत्ते आदि का उपयोग करती हैं। केवल 12 प्रतिशत महिलाएं ही सेनेटेरी नेपकिन का उपयोग करती हैं। 42 प्रतिशत महिलाएं एक ही कपड़े को बार-बार उपयोग करती हैं। कम से कम 29 प्रतिशत महिलाएं गंदे कपड़ों का उपयोग करती हैं। महिलाएं जो माहवारी के दौरोने सेनेटरी नेपकिन का उपयोग नहीं करती हैं, उन्हें प्रजनन मार्ग के संक्रमणों के जोखिम की संभावना 70 प्रतिशत अधिक रहती है। (स्रोत- जनभागीदारी फाउंडेशन)

13 हजार से ज्यादा उदिता कार्नर

महिला एवं बाल विकास सेनेटरी नेपकिन की उपलब्धता के लिए प्रदेश उदिता कार्नर स्थापित कर रहा है। प्रदेश में अब तक 13 हजार 315 से अधिक उदिता कार्नर स्थापित हो चुके हैं।

कहां कितने उदिता कार्नर

संभाग उदिता कार्नर
भोपाल         1681
इंदौर          2750
जबलपुर          2335
ग्वालियर          480
नर्मदापुरम 632
शहडोल         1826
उज्जैन        796
रीवा       1605
चंबल           41
सागर 1169
कुल 13315
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स्कूल, हॉस्टल आदि स्थानों पर नेपकिन डिस्पेंसर मशीन लगाने के लिए राशि जुटाने अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री नीना गुप्ता के मंचन का मंचन नीफिक्की लेडीज आर्गेनाईजेशन द्वारा कराया था। इसमें एकत्रित हुई राशि का उपयोग मशीनें और सेनेटरी नेपकिन खरीदने में किया जाएगा। 
आरती सांघी, फाउंडर चेयरमेन, फिक्की लेडीज आॅर्गेनाइजेशन

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